पैसा या भौतिकता खुशी की गारंटी नहीं है। खुशी का स्त्रोत हम में ही कहीं है। वह कहीं बाहर से नहीं आती है। खुशी अदंर से बाहर की ओर बहती है।
अगर आपकी खुशी अपने इर्द- गिर्द मौजूद लोगों के हाथों में है तो इस बात की संभावना बेहद कम है कि आप खुश रह सकें । - जग्गी वासुदेव
हैप्पीनेस का मंत्र सुपर ३० के संस्थापक आनंद कुमार से सीखा जा सकता है। बिहार के इस शिक्षक ने अपनी खुशी उन विधार्थियों की सफलता में ढूंढी है, जिनकी सफलता कढ़ी थी। आनंद की तरह ही देश में अनेक लोग ऐसे हैं जो इसी तरह समाज से जुड़कर खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
जीवन में खुशियां आती हैं लेकिन कभी कभी आपको लानी भी पड़ती है।
हर व्यक्ति खुशी उससे जुड़ी होती है , जैसे कि एक स्टूडेंट अपनी पढ़ाई अच्छी से करता है और फिर उसका रिजल्ट अच्छा आता है तो उसे खुशी होती है वह बहुत खुश होता है क्योंकि उसे उसकी मेहनत का फल मिलता है।
इसी तरह किसान का भी है। किसान अपने खेतों में मेहनत करता है, किसान अपने खेत में बीज बोता है तथा पानी देता है व निंदाई - गुड़ाई करता है वह खुव मेहनत करता है । और जब उसकी फसल लहलहाने लगती है तो वह आनन्द की अनुभूति करता है । जब किसान की फसल कटने के बाद पैदावार अच्छी होती है तो किसान बहुत खुश होता है।
इसी तरह compidition exam की तैयारी करने वाला student जब दिन-रात कड़ी मेहनत करता है और तब उसका रिजल्ट उसके अनुसार आता है तो उसे बहुत खुशी होती है । उसकी खुशी को सिर्फ वही अच्छी तरह समझ पाता है क्योंकि वही जानता है कि इस सफलता के लिए उसे कितनी मेहनत करनी पड़ी है।
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